Tuesday, January 03, 2017

जनचेतना व क्रान्तिकारी-जनवादी विचारों पर हमले के खिलाफ तीखा विरोध

समर्थकों ने किया थाने का घेराव व जोरदार प्रदर्शन
लुधियाना:3 जनवरी 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):  For more Pics Click here Please 
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आज लुधियाना के विभिन्न क्रान्तिकारी-जनवादी संगठनों के आह्वान पर सैंकड़ों मज़दूरों, नौजवानों, छात्रों, जनवादी कार्यकर्ताओं ने पुलीस थाना डिवीयन नम्बर 5 का घेराव करके ज़ोरदार प्रदर्शन किया और माँग की कि बीती 2 जनवरी को क्रान्तिकारी, प्रगतिशील, जनवादी विचारों के संस्थान जनचेतना के पंजाबी भवन, लुधियाना स्थित बिक्री केन्द्र पर हमला करने वाले हिन्दुत्वी कट्टरपंथी संगठनों के हमलावरों को गिरफ्तार किया जाए। क्रान्तिकारी-जनवादी संगठनों ने माँग की है कि हमलावरों का साथ देने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाए। हिन्दुत्वी कट्टरपंथी संगठनों द्वारा शहर का माहौल खराब करने का सख्त नोटिस लेते हुए माँग की गई है कि धर्म के आधार पर लोगों को बाँटने-लड़ाने वाले संगठनों पर पाबन्दी लगाई जाए और दोषी व्यक्तियों को सख्त सजाएँ दी जाएँ। मौके पर पहुँचे ए.सी.पी. द्वारा दोषियों के खिलाफ़ कार्रवाई के लिए 24 घण्टे का समय माँगे जाने के बाद धरना उठाया गया। ऐसा न होने की सूरत में संघर्ष तीव्र करने की चेतावनी दी गई। 
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कल पुलिस ने हिन्दुत्वी कट्टरपंथियों के दबाव में पंजाबी भवन, लुधियाना पर जनचेतना के बिक्री केन्द्र की सील कर दिया था। आज ज़ोरदार प्रदर्शन के दबाव में पुलीस ने जनचेतना की चाबियाँ प्रबन्धकों को सौंप दी हैं। पुलीस ने शहीद भगत सिंह और राधा मोहन गोकुल की किताबों के जरिए नास्तिकता फैलाने के दोष में जनचेतना, लुधियाना की प्रबन्धक बिन्नी, टेक्सटाईल हौज़री कामगार यूनियन के अध्यक्ष लखविन्दर, कारखाना मज़दूर यूनीयन के नेता गुरजीत (समर) और नौजवान भारत सभा के कार्याकर्ता सतबीर को नाजायज तौर पर गिरफ्तार कर लिया था। हिन्दुत्वी कट्टरपंथियों ने जनचेतना बिक्री केन्द्र को आग लगाने और तोड़फोड़ की भी कोशिश की थी। प्रबन्धक बिन्नी के साथ छेड़खानी और बदसलूकी की गई। उसके बचाव में आए अन्या कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की की गई। पुलीस दो घण्टे तक मूक दर्शक बनकर देखती रही। हिन्दुत्वी गुण्डों को गिरफ्तार करने की बजाए जनचेतना व अन्य कार्यकर्ताओं को ही गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि जनदबाव के चलते इन्हें शाम को रिहा कर दिया गया था लेकिन मामला अभी टला नहीं था। पुलीस हिन्दुत्वी कट्टरपंथियों के दबाव में क्रान्तिकारी-जनवादी कार्यकर्ताओं पर धारा 295 (ए) के तहत पर्चा दर्ज करना चाहती थी। आज ज़ोरदार प्रदर्शन के कारण पुलीस को पीछे हटना पड़ा है और भरोसा दिया गाया है ऐसी कोई भी नाजायज कार्रवाई नहीं की जाएगी। 
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वक्ताओं ने कहा कि शहीद भगत सिंह और राधामोहन गोकुल की किताबें वर्षें से देश भर में छप रही हैं। जनचेतना पर हमला समूचे क्रान्तिकारी-जनवादी आन्दोलन पर हमला है। इन किताबों और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाना विचारों की अभिव्यक्ति की आज़ादी और जनवादी अधिकारों पर हमला है।
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प्रदर्शन को जनचेतना, लुधियाना की प्रबन्धक बिन्नी, टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन के अध्यक्ष लखविन्दर, नौजवान भारत सभा के संयोजक कुलविन्दर और नेता अजयपाल, इंकलाबी केन्द्र पंजाब के राज्य समिति सदस्य सुखदेव भूंदड़ी, पंजाब स्टूडेंटस यूनियन के नेता कर्मजीत, कारखाना मज़दूर यूनियन के नेता राजविन्दर, डैमोक्रेटिक लायर्ज ऐसोसिएशन के नेता हरप्रीत जीरख, डैमोक्रेटिक इम्पलाइज फ्रण्ट के नेता रमनजीत संधु, तर्कशील सोसाईटी पंजाब के नेता सतीष सचदेवा, मोल्डर एण्ड स्टील वर्कर्ज यूनीयन के अध्यक्ष विजय नारायण, लोक एकता संगठन के अध्यक्ष गल्लर चौहान, आदि ने सम्बोधित किया।
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इस आंदोलन से जुड़ने के लिए सम्पर्क कर सकते हैं टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन, पंजाब के अध्यक्ष कामरेड लखविन्दर से उनका मोबाईल नम्बर है- 9646150249
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