Saturday, July 18, 2015

यह बरसात का कमाल है या कोई और ख़ास कारण?

लुधियाना के पॉश इलाके की सड़क का है यह हाल 
लुधियाना: 18 जुलाई 2015: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो): 
चुनावी परिणाम घोषित होते ही शुरू हो जाता है विजयी दलों के ख़ास लोगों को सौगात बांटने का सिलसिला। अलग अलग छोटे छोटे ठेकों से लेकर बड़े बड़े अनुबंधों तक। अच्छी भली गलियों और सड़कों को खोद डाला जाता है लेकिन ऊपर ऊपर से। फिर उसी पर बिछा दी जाती है नयी सामग्री। गली सड़क तैयार और बिल पास होने की कवायद शुरू। साधारण किराये के मकानों में रहने वाले लोग पहुँच जाते हैं कोठियों में। साइकलों पर सफर करने वाले पहुँच जाते हैं बड़ी बड़ी गाड़ियों में। अच्छे दिन आते ही उनकी दुनिया बदल जाती है। यहीं बन जाता है उनका अमेरिका। हर बार गलियाँ सड़कों को "नया बनाने" के इस चक्र में लोगों के मकान हो जाते हैं निचले स्तर पर। बरसात आते ही घरों में पानी घुसता है और मकान की नींव होने लगती है खोखली। इस सबके बावजूद विकास का यह सिलसिला जारी रहता है। पार्टी बदल सकती है पार्षद, विधायक या सांसद बदल सकता है लेकिन इस सिस्टम में कभी बदलाव नहीं आता। घरों के दरवाज़े पिछले दो-तीन दशकों में सड़क और गली के स्तर से कितना नीचे चले गए इसकी जांच कभी नहीं करवाई जाती। विकास के नाम पर जनता के सामने जो परोसा जाता है वो कितना खोखला होता है इसका नया नमूना दिखाया है जाने माने RTI एक्टिविस्ट अरविन्द शर्मा ने। 
अरविन्द शर्मा अक्सर सोशल मीडिया पर ऐसे खुलासे करते रहते हैं। आज उन्होंने लुधियाना की सड़कों और बुढा दरिया की मौजूदा हकीकत बताई है। ये ऐसे मामले हैं जिनके बारे में कुछ भी लुक छिपा नहीं है लेकिन फिर भी हालत बड़ से बदतर हो रही है।  इंसानी ज़िंदगी के लिए खतरा बने ऐसे मंज़र आम हैं, हादसे होते हैं, परिवार उजड़ते हैं लेकिन प्रशासन को कभी कोई दर्द महसूस नहीं होता। कोई दरिया के प्रदूषित पनि से मरे या इसखड्डे  हादसे का शिकार होकर।  सरकार को शायद कोई लेना देना नहीं है। अगर रोष प्रदर्शन हुआ तो मुयावजा मिल जायेगा वरना इंसान का मरणा भी कीड़ों मकोड़ों जैसा हो जायेगा। 
विकास का यह नमूना देखा जा सकता है लुधियाना के पॉश इलाकों में आती एक सड़क कालेज रोड का। यह सड़क कई कारणों से महत्वपूर्ण है। इस सड़क पर एक महत्वपूर्ण व्यक्ति का घर भी है जिसमें अति महत्वपूर्ण नेता परिवार का आनाजाना भी है इसके बावजूद इस सड़क पर इतना बड़ा खड्डा। पता नहीं बरसात से पड़ा है या पेड़ लगाने के लिए खोदा गया है लेकिन है यह खतरनाक। बिजली अक्सर गुल होती है और सड़कें बरसाती पानी से भर जाती हैं।  ऐसे खड्डे हादसों को निमंत्रण देने के लिए क्यों कायम हैं यह तो अब सरकारी लोग ही जानें।  हमने आपको दिखाना था पॉश इलाके की सड़क का हाल सो दिखा दिया। 
इसी तरह बूढ़ा दरिया अब उफान पर है।  मौसम विभाग ने  बहुत पहले ही चेता चेता दिया था लेकिन बारिश सर पर होने के बावजूद नहीं चेता प्रशासन।  अब बूढ़ा दरिया का प्रदूषित पानी किनारों से बाहर आक सड़को से होता हुआ लोगों के घरों में घुस रहा है।  अब प्रशासन को नज़र आया कि कुछ करना चाहिए।  इसलिए कुछ न कुछ करना ज़रूरी था सो किया जा रहा है। 

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