Sunday, July 05, 2015

दर्द को ही हिम्मत बनाया एसिड अटैक का शिकार लड़कियों ने


फोर्टिस ने कराया एसडी अटैक के खिलाफ एक शानदार आयोजन 
लुधियाना: 4 जुलाई 2015: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
गीतों के बोल दिल को हिला देने वाले थे और संगीत दर्द से भरा हुआ। दिल को छूने वाले इस संगीतक जादू के साथ झिलमिलाती रोशनियाँ और मंच पर लहराती जज़्बाती सी युवतियों बार बार सबितकर रही थी कि वे एसिड अटैक के बाद फिर नए सिरे से उठ खड़ी हुयी हैं। बारी-बारी स्टेज पर रैंपवॉक करती युवतियां हैरानीजनक हद तक आत्मविश्वास से सराबोर थी। हॉल में बैठे दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट से युवतियों की हौसला अफजाई करते रहे पर वे इसके बिना भी पूरे होंसले में थी। गुरु नानक भवन में शनिवार 4 जुलाई की रात को एक ऐसा मंच बना जिससे आवाज़ उठी कि हम किसी से कम नहीं। जिसमें रैंप पर चलने वाली 9 युवतियां वो थी, जिन्होंने तेजाबी हमलों से चेहरा झुलस जाने के बावजूद अपनी न जिंदगी को झुलसने नहीं दिया और न ही अपने आत्म विश्वास को। 

इन बहादुर लड़कियों ने अपने चेहरों के दाग को पर्दो के पीछे नहीं छुपाया बल्कि प्रोफैशनल्स मॉडल्स की तरह रैंप पर उतरकर पूरी दुनिया को न केवल अपनी अंदरूनी खुबसूरती दिखाई बल्कि यह संदेश दिया कि तेजाब उनके शरीर को झुलसा सकता है, लेकिन जिंदगी जीने के जज्बे को नहीं। फोर्टिस अस्पताल लुधियाना द्वारा एसिड अटैक पीड़ितों के पुनर्वास के लिए काम कर रही एन.जी.ओ. छांव फाऊंडेशन के सहयोग से यह चैरिटी शो ‘ब्यूटीफुल यू’ आयोजित किया गया। इन लड़कियों ने वहां मेहमानों के साथ साथ मीडिया से भी आँख मिला कर बात की। 
यह शो उन लोगों की शर्मनाक हार थी जिन्होंने सोचा था कि इस हमले के बाद ये लड़कियां कहीं मुँह दिखने लायक नहीं रहेंगी। इसमें लुधियाना में कुछ साल पहले एसिड अटैक की शिकार हुई राजवंत के अलावा दिल्ली, यू.पी. व राजस्थान की 9 युवतियां इंडो वैस्ट्रन ड्रैस पहनकर उतरीं। पूरे उत्साह से लबरेज युवतियों के जज्बे को देखकर दर्शक थोड़े से भावुक भी हुए लेकिन तालियों की गड़गड़ाहट से उनके हौंसले को सलाम भी किया।
यह ख़ास आयोजन, यह फैशन शो डाक्टर्स डे के उपलक्ष्य में हुआ था। सो फोर्टसि अस्पताल के सीनियर डाक्टर्स ने भी इन पीड़ितों के जज्बे को सलाम करते हुए उनके साथ रैंपवॉक किया। इस दौरान एक कोरियोग्राफी ने दर्शकों को भावुक किया। इसमें दिखाया गया कि किस तरह कुछ लोगों की सनक में किया गया तेजाबी हमला किसी की जिंदगी में तूफान ला देता है। लागा चुनरी में दाग दिखायुं कैसे--- गीत के बोल बार बार भावुक कर रहे थे। 
रूपा भी मौजूद थी:
यहाँ वे लोग नायक थे जिन्होंने असली ज़िंदगी में भी पीड़ा झेली और इसका दत कर सामना किया। इन्हीं में से एक थी रूपा। इस शो के वैस्ट्रन ड्रेस राऊंड में युवतियों की ड्रेस को रूपा ने डिजाइन किया था। रूपा खुद एसिड अटैक की शिकार है, और आगरा में रहती है। रूपा के मुताबिक उसने जिंदगी में यह सीखा है कि कभी डरकर मत जियो, और आगे बढ़कर जिंदगी की लड़ाई लड़ो। हालांकि इसमें समाज का प्रोत्साहन जरूरी है। कुल मिलकर दर्शकों ने इन लड़कियों की हिम्मत को सलाम किया और एसिड फेंकने वालों को लानत भेजी। 
फोर्टिस विवान सिंह गिल खुद भी भावुक हुए 
फैशन शो का उदघाटन डिप्टी कमिश्नर रजत अग्रवाल ने कियाऔर कुछ देर खुद भी वहां रुक कर कार्यक्रम का आनंद लिया। अस्पताल के फैसिलिटी डायरैक्टर विवान सिंह गिल व एडमिन हैड हरप्रीत बराड़ ने डी.सी. रजत अग्रवाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए ताउम्र यादगार लम्हा रहेगा। उन्होंने कहा कि समाज को एसिड अटैक जैसे घृणित अपराध को खत्म करना होगा, लेकिन साथ ही एसिड अटैक के बावजूद जिंदादिली का सबूत देने वाली युवतियों का भी प्रोत्साहन करना होगा। शो के आयोजन में लक्ष्मी स्टोर फाऊंटेन चौक, ऑल इंडिया रेडियो एफएम गोल्ड लुधियाना, लुधियाना साइकिलिंग क्लब, वी.एल.सी.सी., एक्टेंसी द डांस स्टूडियो बाय गौतम, भंगड़ा जंक्शन ने भी खूब योगदान दिया।
डाक्टर अविनाश शर्मा ने पूरे समाज को आड़े हाथों लिया
वहां विशेष तौर पर कार्यक्रम देखने के लिए आये हुए डाक्टर अविनाश शर्मा ने डाक्टरों के साथ साथ पूरे समाज को आड़े हाथों लिया।  उन्होंने कहा का जहाँ डाक्टर केवल पैसे के मुरीद बन रहे हैं वही समाज भी शादी ब्याह जैसे पावन रिश्तों को केवल पैसे से टोल कर देख रहा है। 

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