Monday, June 08, 2015

ज़िंदा जलाये गए पत्रकार जोगिंद्र की मौत से शोक की लहर-

Whatsapp पर उठी 9  जून को  कवरेज बाईकाट की काल 
लुधियाना: 8 जून 2015: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
सच बोलने की इतनी बड़ी सज़ा कि उसे ज़िंदा जला दिया गया। जोगिंद्र पत्रकार था। लोगों तक सत्य पहुँचाना उसकी डयूटी में शामिल था। इस फ़र्ज़ को निभाने के "जुर्म" में उन लोगों ने उस ज़िंदा जला दिया जिन्हें जोगिंद्र के सच से खतरा था। अफ़सोस है देश में कोई बवाल नहीं उठा। कलमकार की हत्या का किसी को मलाल नहीं हुआ। लोकतंत्र यहाँ बीएस भीड़तंत्र बन चूका है। जिसके पास वोट बैंक नहीं है उसकी मौत पर कैसा अफ़सोस? कैसा एक्शन? कैसा मुआवज़ा? वह सच बोलता था उसके साथ कौन था? बीएस उसका ज़मीर।  जब वह भी नहीं खरीदा जा सका तो उसकी जान छीन ली गयी। एक सच बोलने वाले जांबाज़ कलमकार को "ठिकाने" लगा दिया गया तांकि अगर कोई सत्यभक्त बाकि बचा हो तो उसे समझ आ जाये कि "सत्यमेव जयते" को आदर्श मैंने वाले इसदेश में सत्य बोलने वालों क्या अंजाम होता है।  सोशलमीडिया पर एक अपील जारी हुयी है जिसे हम ज्यों क त्यों प्रकाशित कर रहे हैं। यदि आप पत्रकार हैं, लेखक हैं या किसी भी तरह सत्य से लगाव रखते हैं तो दुःख की इस घड़ी में पत्रकार भाईचारे का साथ दीजिये। 
सभी संगठनों से एक मार्मिक अपील -----!!!!!!!!!!!
सभी से अनुरोध है कल कोई न्यूज़ कवर न करे कोई न्यूज़ ना दे। ईश्वर जोगेन्द्र की  आत्मा को शांती प्रदान करें। जोगेन्द्र की मौत के लिये जिम्मेदार हर शख्स को सजा जरूर मिलनी चाहिए. साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सरकार को ठोस कानून बनाना चाहिये। देश की सरकारे अपने मंत्रियों को सुरक्षा मुहैया कराती है तो देश के चौथे सतम्भ पत्रकारों को क्यों नहीं मिलनी चाहिये सुरक्षा। अपनी जान पर खेलकर पत्रकार सच सामने लाता है और पत्रकार को ईनाम-सम्मान के रूप में क्या मिलता है मौत। देश भर के पत्रकारों का शोषण हो रहा रहा है और उसके बाद उनको इंसाफ के रूप में मिलती है मौत। जोगेन्द्र जैसे अनेक पत्रकार हमारे लिए एक सवाल छोड़ गये है जिसका जवाब हम सबकों मिलकर देना होगा पत्रकार मित्रों। हम अब भी नहीं जागे तो फिर कभी नहीं जाग पायेगे। छोटे समाचार पत्र वाला पत्रकार-बड़े समाचार पत्र वाला पत्रकार, भाईयों हमें ऐसी तुच्छ मानसिकता से निकलकर एक मंच पर आना होगा। जिस प्रकार वकीलों के ऊपर यदि किसी तरह का हमला होता है और पूरे प्रदेश के वकील अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए सभी न्यायिक कार्यों से विरत रहते हैं क्या हम पत्रकारों एक नहीं हो सकते हैं। पत्रकारों की ऐसी दयनीय दुर्दशा हम सबके लिये शर्म से डूूब मरने की बात है। आज हम सबको सिर्फ दिखावे के लिये नहीं, सच्चे दिल से हम सबको एक होकर इंसाफ के लिये आवाज बुंलद करनी होगी।
तो कल 9/6/2015 हम सबको देश व्यपपि हड़ताल करनी चहिये और मेरा सभी से अनुरोध है कल कोई न्यूज़ कवर न करे कोई न्यूज़ ना दे तभी इन जालिमो को हमारी ताकत का अहसास होगा तो एक हो जाओ और सभी ग्रुप और पूरी शोशल मीडिया पर यह मैसेज पहुचाओ 
भारत के समूह पत्रकार भाईयों से जर्नलिस्ट प्रेस काउन्सिल की अपील है कि हमारे पत्रकार भाईचारे कि आज परीक्षा की घड़ी है हमारे एक  पत्रकार भाई स्वर्गीय श्री जोगेंद्र जी को पुलिस द्वारा जिंदा जला कर मार दिया गया उनकी आत्मा की शांति के लिये और उन्हें इंसाफ दिलाने के लिये केवल एक दिन अपने भाई जोगेंद्र के लिये किसी भी प्रकार की मीडीया कवरऐज ना करें अपनी एकता का सबूत देकर सरकार को झुकने पर मजबूर कर दे ये लड़ाई एक जोगेंद्र भाई के लिये नहीँ है ये लड़ाई हम सब के अधिकारों की लड़ाई है जिसे हमें मिलकर लड़ना होगा : -- राष्ट्रीय प्रधान जर्नलिस्ट प्रेस काउन्सिल
___----------पत्रकार एकता जिंदाबाद-------------

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