Thursday, March 19, 2015

22 मार्च के सम्प्रदायिकता विरोधी सम्मेलन के लिए तैयारियां शिखर पर

Thu, Mar 19, 2015 at 5:29 PM
मज़दूर संगठनों द्धारा जोरदार प्रचार मुहिम जारी
लुधियाना के साम्प्रदायिकता विरोधी सम्मेलन में पहुंचेंगे बड़ी संख्या में लोग 
लुधियाना:19 मार्च 2015: (*लखविन्दर//पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
कारखाना मज़दूर यूनियन, पंजाब व टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन, पंजाब द्वारा साम्प्रदायिकता विरोधी सम्मेलन की तैयारियाँ बड़े स्तर पर की जा रही हैं। 22 मार्च को लुधियाना में होने वाला यह सम्मेलन नौजवान भारत सभा, पंजाब स्टूडेंटस यूनियन (ललकार), बिगुल मज़दूर दस्ता, कारखाना मज़दूर यूनियन व टेक्सटाइल हौज़री कामगार यूनियन द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। का.म.यू. व टे.हौ.का.यू. की प्रचार टोलियों ने लुधियाना के लोगों में खासकर कारखाना मजदूरों के बीच सघन प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। अनेकों नुक्कड़ सभाएँ, मीटिंगें, पैदल व साईकिल मार्च आयोजित किए जा रहे हैं। घर-घर जाकर लोगों को धार्मिक कट्टरपंथियों की लोगों में धार्मिक नफरत का जहर घोल कर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने की साजिशों के खिलाफ़ आगे आने का आह्वान किया जा रहा है। हिन्दी-पंजाबी में बड़े पैमाने पर पर्चा बाँटा जा रहा है। शहर में पोस्टर लगाकर सम्मेलन की सूचना लोगों तक पहुँचाई जा रही है। सोशल मीडिया पर भी इसके बारे में मुहिम चलाई जा रही है। लोगों से इस मुहिम के प्रति काफ़ी समर्थन मिल रहा है और बड़ी संख्या में लोगों के इस सम्मेलन में शामिल होने की अपील है।
    सभी धर्में के कट्टरपंथी लोगों को आपस में लड़ाने की साजिशें बहुत तेज़ कर चुके हैं। हिन्दुत्वी कट्टरपंथी ताकतों का आधार अधिक मज़बूत है इसलिए अल्पसंख्यकों पर अत्यधिक खतरा मँडरा रहा है। साम्प्रदायिकता का नुक्सान सभी धर्मों के लोगों को ही उठाना पड़ता है। अल्पसंख्यक धर्मों के कट्टरपंथी भी हिन्दुत्वी कट्टरपंथियों की काली करतूतों का फायदा उठाकर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंक रहे हैं। सभी कट्टपंथियों का निशाना एक ही है कि लोगों को आपस में बाँटकर लोगों के निर्मिम आर्थिक-सामाजिक-राजनीतिक शोषण के एजण्डे को आगे बढ़ाया जाए। श्रम कानूनों में गम्भीर मज़दूर विरोधी संशोधन किए जा रहे हैं, लोगों से सरकारी सेहत, शिक्षा, परिवहन, पानी, बिजली आदि सहूलतों बड़े स्तर पर छीनी जा रही हैं, पूँजीपतियों के लिए लोगों खासकर किसानों की जमीन जबरन छीनने के लिए घोर गैरजनवादी कानून बनाए जा रहे हैं, लोगों के संघर्षों को कचलने के लिए काले कानून बनाए जा रहे हैं। जैसे-जैसे पूँजीवादी व्यवस्था का आर्थिक-राजनीतिक संकट बढ़ता जा रहा है और लोगों की आर्थिक हालत बद से बदतर होती जा रही है वैसे वैसे हुक्मरान धार्मिक कट्टरपंथ को ज्यादा से ज्यादा हवा देने में लगे हुए हैं।
हुक्मरान जनता गुस्से से बहुत डरे हुए हैं और इसलिए जनता के सारे जनवादी अधिकार छीन लेना चाहते हैं। जनवादी अधिकारों का दायरा अधिक से अधिक कम होता जा रहा है और व्यवस्था का फासीवादीकरण बढ़ता जा रहा है। मज़दूरों, मेहनतकशों, नौजवानों, छात्रों, बुद्धिजीवियों, सास्कृतिकर्मियों, कलाकारों को साम्प्रदायिक फासीवाद के इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए बड़े अन्दोलन की तैयारियाँ करने होंगी। साम्प्रदायिकता के खिलाफ़ लड़ाई बड़ी कुर्बानियों की माँग करती है। जनवादी-क्रान्तिकारी ताकतों को बेहद सख्त लड़ाई के लिए तैयार होना होगा।
22 मार्च को लुधियाना में किया जा रहा यह सम्प्रदायिकता विरोधी सम्मेलन भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरु की 84वीं शहादत वर्षगाँठ को समर्पित है। हमें महान क्रान्तिकारी विरासत से प्रेरणा और रास्ता लेकर साम्प्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष के मैदान में कूदना होगा। भगतसिंह और उनके साथियों की यह सोच पूरी तरह दरुस्त थी कि लोगों की आर्थिक-राजनीतिक मुद्दों पर बनी एकता ही साम्प्रदायिक ताकतों को धूल चटा सकती है। 22 मार्च का लुधियाना में होने वाला सम्मेलन लोगों में जहाँ साम्प्रदायिकता के खिलाफ़ आपसी भाईचारा मज़बूत करने का संदेश देगा वहाँ लोगों को पूँजीवादी लूट-शोषण के खिलाफ़ अपने अर्थिक-सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर वर्ग एकता मज़बूत करने का आह्वान भी करेगा।
लखविन्दर-कारखाना मज़दूर यूनियन, पंजाब (रजि.) के अध्यक्ष हैं और उनका फोन नम्बर है - 9646150249

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