हलका बल प्रयोग करने से मची भगदड़ घटना की जांच के आदेश दिए
दतिया (एम पी): 14 अक्टूबर 2013:धर्म स्थलों पर मचने वाली भगदड़ में जानें जाने का एक मामला सामने आया है। इस बार यह सब हुआ है मध्यप्रदेश के दतिया जिले में स्थित जाने माने रतनगढ़ मंदिर में। इस मन्दिर में दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं की भगदड़ में अकी और जानें जाने की खबर है। इस भगदड़ की चपेट में आने के कारण आज दिल दहलाने वाले हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 109 हो गई है। अभी मृतकों की संख्या और बढऩे से इंकार नहीं किया गया है। पुलिस उप महानिरीक्षक डी के आर्य ने घटनास्थल पर पत्रकारों को बताया कि अभी तक 109 शव मिल चुके हैं। अनेक घायलों को ग्वालियर और आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। राहत और तलाश का काम तेज़ी से जारी है।
इस दुर्घटना का विवरण देते हुए पुलिस सूत्रों ने कहा कि यहां से लगभग 60 किलोमीटर दूर रामपुरा गांव के पास सिंध नदी के किनारे प्रसिद्ध रतनगढ़ माता मंदिर मे नवरात्र के दौरान नवमी की पूजा के अवसर पर यह हादसा हुआ। उस पूजा में भाग लेने के लिए यहां आसपास के क्षेंत्रों से हजारों लोग दर्शनों के लिए आए हुए थे। आस्था के कारण एकत्र होने वाली भीड़ पहले भी कई बार इसी तरह भगदड़ का शिकार हो चुकी है। इस बार यह हादसा यहाँ रतनगढ़ मन्दिर में हुआ। सूत्रों ने कहा कि मंदिर में आने-जाने के लिए सिंध नदी पर एक पुल भी बना हुआ है। इसी पुल पर से श्रद्धालु काफी तादाद में निकल रहे थे कि तभी अचानक भगदड़ की स्थिति बन गई और अनेक लोग पुल से नदी में गिर गए। नौ बजे के बाद हुई इस दुर्घटना में अब तक 109 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। घायलों को दतिया जिला अस्पताल के साथ ही ग्वालियर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। घटनास्थल से ग्वालियर लगभग 60 किलोमीटर दूर बताया गया है। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है हालांकि भीड़ काफी होने के कारण इस काम में शुरुआत में काफी दिक्कतें आईं। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने रतनगढ़ मंदिर में भगदड़ की घटना पर गहरा शोक प्रकट किया है। आस पास के क्षेत्रों में भी गम का माहौल है।
इसी बीच राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने भगदड़ की वजह से घायल श्रद्धालुओं को तत्काल उचित उपचार मुहैया कराने और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री निवास के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार चौहान ने निर्वाचन आयोग से मंजूरी लेकर घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को पचास-पचास हजार और अन्य घायलों को 25-25 हजार रुपए की तात्कालिक मदद की घोषणा राज्य शासन की ओर से की है। इस सबंध में कई व्यक्तिगत संगठन भी आगे आने की तैयारी में हैं।
उधर, घटनास्थल पहुंचने का प्रयास कर रहे क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्र ने बताया कि वह घटनास्थल के मार्ग पर लगे वाहनों के जाम में फंसे हुए हैं। वह घटनास्थल पहुंचने के बाद हालात की वास्तविक स्थिति बता सकेंगे। उन्हें सूचना मिली है कि व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस के कथित रूप से हलका बल प्रयोग करने की वजह से मंदिर मार्ग पर भगदड़ मची। घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं, जिसके बाद दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस सम्बन्ध में और विवरण की इंतजार बनी हुई है।
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मध्यप्रदेश के रतनगढ़ मन्दिर में भगदड़ मचने से 109 मरे
दतिया (एम पी): 14 अक्टूबर 2013:धर्म स्थलों पर मचने वाली भगदड़ में जानें जाने का एक मामला सामने आया है। इस बार यह सब हुआ है मध्यप्रदेश के दतिया जिले में स्थित जाने माने रतनगढ़ मंदिर में। इस मन्दिर में दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं की भगदड़ में अकी और जानें जाने की खबर है। इस भगदड़ की चपेट में आने के कारण आज दिल दहलाने वाले हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 109 हो गई है। अभी मृतकों की संख्या और बढऩे से इंकार नहीं किया गया है। पुलिस उप महानिरीक्षक डी के आर्य ने घटनास्थल पर पत्रकारों को बताया कि अभी तक 109 शव मिल चुके हैं। अनेक घायलों को ग्वालियर और आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। राहत और तलाश का काम तेज़ी से जारी है।
इस दुर्घटना का विवरण देते हुए पुलिस सूत्रों ने कहा कि यहां से लगभग 60 किलोमीटर दूर रामपुरा गांव के पास सिंध नदी के किनारे प्रसिद्ध रतनगढ़ माता मंदिर मे नवरात्र के दौरान नवमी की पूजा के अवसर पर यह हादसा हुआ। उस पूजा में भाग लेने के लिए यहां आसपास के क्षेंत्रों से हजारों लोग दर्शनों के लिए आए हुए थे। आस्था के कारण एकत्र होने वाली भीड़ पहले भी कई बार इसी तरह भगदड़ का शिकार हो चुकी है। इस बार यह हादसा यहाँ रतनगढ़ मन्दिर में हुआ। सूत्रों ने कहा कि मंदिर में आने-जाने के लिए सिंध नदी पर एक पुल भी बना हुआ है। इसी पुल पर से श्रद्धालु काफी तादाद में निकल रहे थे कि तभी अचानक भगदड़ की स्थिति बन गई और अनेक लोग पुल से नदी में गिर गए। नौ बजे के बाद हुई इस दुर्घटना में अब तक 109 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। घायलों को दतिया जिला अस्पताल के साथ ही ग्वालियर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। घटनास्थल से ग्वालियर लगभग 60 किलोमीटर दूर बताया गया है। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है हालांकि भीड़ काफी होने के कारण इस काम में शुरुआत में काफी दिक्कतें आईं। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने रतनगढ़ मंदिर में भगदड़ की घटना पर गहरा शोक प्रकट किया है। आस पास के क्षेत्रों में भी गम का माहौल है।
इसी बीच राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने भगदड़ की वजह से घायल श्रद्धालुओं को तत्काल उचित उपचार मुहैया कराने और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री निवास के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार चौहान ने निर्वाचन आयोग से मंजूरी लेकर घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को पचास-पचास हजार और अन्य घायलों को 25-25 हजार रुपए की तात्कालिक मदद की घोषणा राज्य शासन की ओर से की है। इस सबंध में कई व्यक्तिगत संगठन भी आगे आने की तैयारी में हैं।
उधर, घटनास्थल पहुंचने का प्रयास कर रहे क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्र ने बताया कि वह घटनास्थल के मार्ग पर लगे वाहनों के जाम में फंसे हुए हैं। वह घटनास्थल पहुंचने के बाद हालात की वास्तविक स्थिति बता सकेंगे। उन्हें सूचना मिली है कि व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस के कथित रूप से हलका बल प्रयोग करने की वजह से मंदिर मार्ग पर भगदड़ मची। घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं, जिसके बाद दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस सम्बन्ध में और विवरण की इंतजार बनी हुई है।
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