Sunday, August 18, 2013

ब्लू-स्टार आपरेशन: तीन दशकों के बाद भी सरकार नहीं बताना चाहती सच

कम से कम पंजाब के 37 गुरुधामों पर एक साथ हुआ था एक्शन 
अमृतसर में स्थित सिख धर्म के केन्द्रिय धर्म स्थल श्री हरिमंदिर साहिब और अकाल तख्त पर की गई नीला तार कारवाई के तथ्य सरकार अभी भी सार्वजनिक नहीं करना चाहती। इस साडी हकीकत को सबके सामने लाने के लिए लखनऊ के संजय शर्मा लगातार प्रयासशील हैं।  हर विभाग उन्हें देर सवेर यह सच बताने से जवाब दे रहा है। गौरतलब है की इस कारवाई को जायज़ ठहरने के लिए अक्सर कहा जाता है की यह एक्शन सिख जगत या श्री हरिमन्दिर साहिब के खिलाफ नहीं बल्कि संत जरनैल सिंह ---के खिलाफ की गई थी पर इस बात का जवाब कभी नहीं दिया गया कि संत जरनैल सिंह और उनके थोड़े से समर्थक तो केवल अकाल तख्त साहिब पर थे फिर कारवाई पंजाब के 37 जाने माने गुरुद्वारों पर क्यूं की गई? इस आपरेशन के लिए पांचवें सिख गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी पर्व का दिन ही क्यूं चुन गया? आत्म समर्पण करने वाली सिख संगत को हाथ बाँध कर गोली से क्यूं उदा दिया गया? बंदी बनाये गए आम सिख श्र्द्धालूयों को कड़कती धुप के उस गर्म मौसम में पानी की एक बूँद तक भी क्यूं नहीं  दी गयी? दरबार साहिब के पावन सरोवर में जहर मिलाने के आरोप कहाँ तक सही हैं? अभी हाल ही में फिर से उठी इस मामले में के जी बी के दखल की बात कहाँ तक सही है?  इस मुद्दे पर डाक्टर सुब्रामनियम स्वामी की और से सामने लाये गए तथ्यों पर सरकार क्या कहना चाहती है ? ऐसे कई मुद्दे हैं जो सवाल खड़े कर रहे हैं--- इसलिए संजय शर्मा की बात को गंभीरता से लेते हुए सारा सत्य सामने लाना चाहिए--- संजय भाई ने कुछ विवरण बारी बारी से अपने ब्लॉग पर पोस्ट किये हैं।  उनकी नई पोस्ट का शीर्षक है "ऑपरेशन ब्लू-स्टार की सूचना सार्वजनिक करना राष्ट्रीय हित में नहीं"
तस्वीर पल पल इंडिया से साभार 
लखनऊ 16 अगस्त:न्यूज़ आज: रक्षा मंत्रालय ने सूचना के अधिकार के तहत 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' से संबंधित जानकारी देने से यह कहते हुए मना किया है कि सूचना सार्वजनिक होने से राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंच सकता है। लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता संजय शर्मा ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की 'मानवाधिकार उल्लंघन' के संदर्भ में समीक्षा करने के उद्देश्य से बीते 23 फरवरी 2013 को भारत सरकार के गृह विभाग से सूचना के अधिकार के तहत पत्रावली के अभिलेखों की नोट शीट्स की सत्यापित प्रतियां मांगी थी। कोई सूचना न मिलने पर संजय ने 13 मई 2013 को भारत सरकार के गृह विभाग में अपील की। भारत सरकार के गृह विभाग के संयुक्त सचिव तथा अपीलीय अधिकारी भगवान शंकर ने 27 जून 2013 को संजय के सूचना अधिकार आवेदन को रक्षा मंत्रालय को भेज दिया। रक्षा मंत्रालय के अनु सचिव आर. के. झा ने 31 जुलाई 2013 को पत्र के माध्यम से बताया कि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का मानना है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की सूचना प्राप्ति के अधिकार कानून के प्रावधान के तहत प्रकट करने से छूट प्राप्त है और इस सूचना का सार्वजनिक होना राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक है। संजय के अनुसार सभी लोक प्राधिकारी अपने 'प्रशासनिक या न्यायिककल्प निर्णयों' को देश की जनता को बताने के लिए बाध्य हैं। ऐसे में देश की जनता को स्वर्ण मंदिर परिसर में चलाये गए ऑपरेशन ब्लू स्टार को चलाने के फैसले के कारणों को जानने का भी पूरा हक है। संजय अब रक्षा मंत्रालय के इस निर्णय के खिलाफ केंद्रीय सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर करने जा रहे हैं।
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ऑपरेशन ब्लू-स्टार की सूचना सार्वजनिक करना राष्ट्रीय हित में नहीं

Punjab Screen Punjabi: 

ਬਲਿਊ ਸਟਾਰ ਆਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਦੀ ਸੱਚਾਈ ਲਭ ਰਹੇ ਸੰਜੇ ਸ਼ਰਮਾ

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