१३ मई मदर्स डे मनाया जाता है ! एक अच्छी पहल है कि उस माँ को,जो हम सब की जननी है उसके प्रति हम अपना धन्यवाद ग्य़ापित करते है,परन्तु साथ ही जब वो हमारे आपके घरोंमे आने को लालायित है, तो हम सभ्य सुसंस्क्रत होते हुये भी भ्रूण-हत्या करवा देते हैं ! यद्दपि पी०सी०पी०एस०डी०टी० एक्ट १९९४ की धारा २३(३) के अन्तर्गत गर्भस्थ शिशु का लिंग परीछण अवैधानिक है!ऐसे व्यक्ति,परिवार,चिकित्सक को ३ से ५ वर्ष का कारागार और रु० ५०००० से १००००० तक के द्ण्ड का प्रावधान है फ़िर भी भ्रूण हत्या से अभिष्पत भारतीय समाज मे नर नारी का अनुपात १०००और ९१४ का हो गया है ! नारी को हम माँ और देवी का प्रतिरूप मानकर भी उसी के असतित्व को नकारते है! इसीलिये कहता हूं:-
मानव का पहला समबोधन "माँ" है!
पीडा का हर उदबोधन "माँ है !!
जिस पर नत मस्तक पराक्रमी सब,
उस अबला का अवलम्बन "माँ"है!!
स्र्ष्टी के हर प्राणी पर अधिकार उसे,
जीवन दात्री का अभिनन्दन "माँ"है!!
प्रतिपल,प्रति छण पूज रहा जिसको,
मानव का निश्चित संवर्धन "माँ" है!
भारतीय संस्क्रति का है यह ह्रास ,
जन्म अधर मे लटका ,वह"माँ" है!!
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७
मानव का पहला समबोधन "माँ" है!
पीडा का हर उदबोधन "माँ है !!
जिस पर नत मस्तक पराक्रमी सब,
उस अबला का अवलम्बन "माँ"है!!
स्र्ष्टी के हर प्राणी पर अधिकार उसे,
जीवन दात्री का अभिनन्दन "माँ"है!!
प्रतिपल,प्रति छण पूज रहा जिसको,
मानव का निश्चित संवर्धन "माँ" है!
भारतीय संस्क्रति का है यह ह्रास ,
जन्म अधर मे लटका ,वह"माँ" है!!
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७
1 comment:
apki baat padhkar Farmane Bari Ta'ala yad aa gaya (Copy)-
तुम्हारे रब ने फ़ैसला कर दिया है कि उसके सिवा किसी की बन्दगी न करो और माँ-बाप के साथ अच्छा व्यवहार करो। यदि उनमें से कोई एक या दोनों ही तुम्हारे सामने बुढ़ापे को पहुँच जाएँ तो उन्हें 'उँह' तक न कहो और न उन्हें झिड़को, बल्कि उनसे शिष्टतापूर्वक बात करो(23) और उनके आगे दयालुता से नम्रता की भुजाएँ बिछाए रखो और कहो, "मेरे रब! जिस प्रकार उन्होंने बालकाल में मुझे पाला है, तू भी उनपर दया कर।" (24) जो कुछ तुम्हारे जी में है उसे तुम्हारा रब भली-भाँति जानता है। यदि तुम सुयोग्य और अच्छे हुए तो निश्चय ही वह भी ऐसे रुजू करनेवालों के लिए बड़ा क्षमाशील है(25)
सूरा बनी इसराईल
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