Friday, January 27, 2012

मामला भारत और पकिस्तान देशों के कैदियों की रिहाई का

दोनों देशों के न्यायधीश खुल कर आए सामने 
          गजिंदर सिंह किंग, अमृतसर
भारत और पकिस्तान की जेलों में बंद कैदियों की रिहाई के लिए अब दोनों देशों के न्यायधीश सामने आए है, जिस के तहत दोनों देशों के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों की एक विशेष कमेटी बनाई गई है, जो कि उन कैदियों की रिहाई करवाए गी, जिन की सजा पूरी हो चुकी है 
          अमृतसर की जेल में आज भारत - पकिस्तान ज्यूडिसीयल कमेटी ने पकिस्तान बंद कैदियों की रिहाई के लिए दौरा किया, दरअसल दोनों देशों की सरकारों की ओर से कैदियों की रिहाई के लिए इस कमेटी को बनाया गया है, जिस में दोनों देशों से चार-चार जजों की न्युक्ति की है, जिस में यह कमेटी के लोग देश की अलग-अलग जेलों में जाए गे और उन कैदियों से मिलेंगे, जिन की सजा पूरी हो चुकी है, एक रिपोर्ट तैयार कर के अपनी आपनी सरकारों को दें कर उन कैदियों को रिहा करवाया जाएगा, वहीँ इस के चलते आज इस टीम ने अमृतसर जेल का दौरा किया और वहां जेल में बंद पकिस्तान के कैदियों से मुलाक़ात की और जो मानसिक तौर पर पाकिस्तानी कैदी पीड़ित है, उन के बारे में जांच कर एक रिपोर्ट तैयार की  
          वहीँ इस मौके पर पकिस्तान के रिटार्ड जस्टिस नासिर असलम जाहिद, रिटार्ड जस्टिस एम, ऐ खान जजों का कहना है, कि भारतीय जेल में कुछ कैदी ऐसे है, जो कि मानसिक तौर पर बीमार है और साथ ही अमृतसर में 7 से 8  पाकिस्तानी कैदी ऐसे है, जो मानसिक तौर पर पीड़ित है और उन को बाहर निकाला जाए, वहीँ साथ ही इस मौके पर 1971 की जंग में के सैनिक कैदी पकिस्तान की जेल में नहीं है, साथ ही उन्होंने ने कहा, कि उन्होंने भारत में तीन शहरों की जेलों का दौरा किया है, जिस में की जयपुर, दिल्ली और अब वह आज अमृतसर की जेल में आए है, उन्होंने ने कहा, वह यहाँ पर पकिस्तान के कैदियों से मिले है और उन की समस्याओं को सुना है, कुछ लोग ऐसे है, जिन को अपना नाम तक याद नहीं है और कुछ ऐसे है जो कि पिछले चार साल से आपनी सजा पूरी कर चुके है, लेकिन वह आज भी जेल में बंद है और आज उन की टीम उनकी परेशानियों को पूरा करने के लिए आए है, ताकि उन को रिहा करवाया जा सके, वहीँ सरबजीत की रिहाई पर उन का कहना है, कि सरबजीत वह ही है, जिस ने पकिस्तान में धमाका किया था और इस मामले को भारत ने गहराई से नहीं लिया  
       वहीँ इस मौके पर भारतीय रिटार्ड जस्टिस ऐ,एस गिल जज जो कि इस कमेटी के सदस्य है, उन का कहना है, कि 2008 से इस कमेटी का गठन हुआ था, लेकिन मुंबई ब्लास्ट के बाद इस कमेटी ने दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब होने के कारण आपना काम बंद कर दिया था, लेकिन अब यह एक बार फिर आपना काम शुरू कर दिया है, साथ ही उन्होंने कहा, कि 1965 और 1971 के जेल में कोई सैनिक जेलों में नज़र नहीं आया, वहीँ सरबजीत के केस पर उन का कहना है, कि उस का केस राजनीतिक मोड़ ले गया है, जिस कारण उस के ऊपर काम में मुश्किल आ रही है और वह कोशिश कर रहे है, कि इस बार जब वह अप्रैल में पकिस्तान जाए गे, तब वह उस की रिहाई करवाने का प्रयास करेंगे

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