Tuesday, August 23, 2011

एसजीपीसी और न्यूजीलैंड सरकार में साइन हुए एम.ओ.यू.

शिक्षा के क्षेत्र में रचा गया नया इतिहास 
अमृतसर से गजिंदर सिंह की ख़ास रिपोर्ट 
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से चलाए जाने वाले शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र जल्द न्यूजीलैंड के कालेजों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा हासिल कर पाएंगेइसके लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और न्यूजीलैंड सरकार के बीच एम.ओ.यू. साइन हो चुका हैआज न्यूजीलैंड की एजूकेशनल काउंसलर की तरफ से चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सच्चखंड श्री हरमंदिर साहिब में नतमस्तक होने पहुंचीइस मौके पर उन्होंने कहाकि  न्यूजीलैंड सरकार भारत के साथ शिक्षा का आदान प्रदान करना चाहती है और चाहती हैकि दोनों देशों के विश्वविद्यालय सीधे एक-दूसरे से संपर्क कर एक-दूसरे देश के छात्रों को सीधे दाखिला दें.

 न्यूजीलैंड की एजूकेशनल काउंसलर जेन हेंडरसन आज चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सच्चखंड श्रीहरमंदिर साहिब में नतमस्तक होने पहुंचीइस मौके पर उन्होंने कहाकि आस्था के केंद्र में शीश निवा कर उन्हें बहुतसकून मिलाउन्होंने बतायाकि न्यूजीलैंड सरकार चाहती हैकि दूसरे देशों के छात्र उनके देश के विश्वविद्यालयों मेंआकर उच्च शिक्षा हासिल करेंइतना ही नहीं वह यह भी चाहते हैंकि न्यूजीलैंड के छात्र भी दूसरे देशों में जाकर शिक्षाके साथ-साथ सभ्यता से भी रू--रू हो सकेंइसलिए उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों को सीधे ही एक-दूसरे के साथ एम,,यू साइन करने और छात्रों को सीधे दाखिला देने की भी छूट दे दी हैउन्होंने बतायाकि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान कुछ दिन पूर्व न्यूजीलैंड आए थे और वहां शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों और कालेजों के छात्रों को न्यूजीलैंड में उच्च शिक्षा दिलाने संबंधी उन्होंने एक वहां के एकविश्वविद्यालय के साथ एम,,यू भी साइन किया थासाथ ही उन का कहना हैकि हर साल उन के देश में 8000 से 9000 बच्चे यहाँ आते है लेकिन अब यह गिनती बढ़ेगी साथ ही उन का कहना हैकि वह यहाँ एक दुसरे के साथसम्बन्ध बनाने के लिए आए हैजिससे दोनो देश एक दुसरे के साथ जुड़े
    वहीं गुरमोहन सिंह वलिया (Directorate of Education (SGPC)) का कहना हैकि 23 जून को उन्होंने न्यूजीलैंड की विनटेक यूनीवर्सटी के साथ समझौता किया थाजिस के तहत विद्यार्थी दोनो देशों के एक दूसरे देश मेंपढ़ सकते हैवहीं उन का कहना हैकि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विद्यार्थी सिविल इंजीनेरिंगइलेकट्रीक्ल इंजेनेरिंगमनेज्मेंट और जिन्होंने यहाँ से बी,सी, की हैवह वहाँ जा कर आपनी पढ़ाई करेंगे साथ ही उनका कहना है,कि इस के चलते उन से किसी प्रकार की कोइ वीजा फीस नही ली जायेगी और वह सीधे तौर पर असानी से वहाँ पर जाकर शिक्षा हासिल कर सकते है,
वहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ ने जेन हेंडरसन और उनकेप्रतिनिधिमंडल का स्वागत कियाउन्होंने कहाकि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से न्यूजीलैंड केविश्वविद्यालय के साथ मिल कर शिक्षा के क्षेत्र में एक मील पत्थर कायम किया है जहां कमेटी गुरुद्वारा साहिबानोंकी देखभाल के साथ-साथ सिखी के प्रचार और प्रसार में अग्रसर हैवहीं शिक्षा के क्षेत्र में न्यूजीलैंड केविश्वविद्यालय के साथ हुआ यह एम,,यू एक उपल्बिध होगा.

No comments: