Thursday, August 25, 2011

पंगूड़े में आई एक और नन्हीं परी

अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग    
 पहली जनवरी 2008  का वह दिन ऐतिहासिक बन गया जब जिला रेडक्रास भवन  में अमृतसर के  जिला प्रशासन की ओर से भ्रूण हत्या रोकने के लिए पंघूडा स्कीम  की शुरूयात की गयी थी. यह शुरूयात थी उन लोगों के लिए जो आज के इस आधुनिक युग में भी बेटी को गर्व और प्यार से सीने के साथ नहीं लगाना चाहते. नवरात्र की पूजा, कंजकों की पूजा, देवी के  9 रूपों की पूजा करने वाले लोग आज भी तुले हुए हैं भ्रूण करने और करवाने पर. ये लोग न देवी से डरे न ही देश के क़ानून से. इनका ह्रदय कभी नहीं कांपा इस पाप को करते हुए. बेटी के पैदा होने पर उस से छुटकारा पाने के लिए  ऐसी बच्चियों को सड़कों के किनारे और झाड़ियों में  फेंक देना, इन लोगों को तो कभी शर्म भी नहीं आई.
आखिरकार जिला प्रशासन ने ही कदम उठाये भ्रूण हत्या रोकने के लिए और यह पंगूड़ा स्कीम शुरू की.  जो लोग बेटी को नहों चाहते वे उसे यहां पर छोड़ कर चले जाते हैं, इस पंघूड़े  में. जिला प्रशासन उनका कोई पीछा नहीं करता, शायद वह समझाता है कि आज ममता से बड़ी हो गौ है मजबूरी. इस स्कीम के तहत पंगूड़े में  आज फिर  एक नन्ही परी (लड़की) आई है. 
देखिये आप भी इसे ध्यान से देखिये कितनी आशाएं थी इसे अपनी मां से, अपने पिता से, इस दुनिया से, इस समाज से उसे क्या पता कि कंजक पूजा करने वाले ये लोग कंजक को जन्म लेने से पहले भी मार सकते हैं, जन्म हो जाये तो इसे किसी गट्टर में फेंक सकते हैं, या फिर सड़क के किनारे किसी झाडी के पीछे. उसे क्या पता कि  अगर यह झूला न होता तो वह कागन होती. होती भी या नहीं होती !  
   दो दिनों की इस नन्हीं परी (लड़की) को यहां आ कर प्यार मिला, शतं मिली और मां बाप जैसा सुरक्षा क्वक्स्ह भी. जिला अमृतसर के डी.सी. रजत अग्रवाल की पत्नी रितु अग्रवाल ने इस बच्ची को अपनी गोद में उठाया और कहा चिंता मत करो.....हम हैं न तुम्हारे साथ. हम सिखायेंगे तुम्हे इस दुनिया में ठाना और हालात से लड़ना. उनकी  गोद में मुस्करा रही दो दिनों की इस नन्ही बच्ची को आप भी देखिये. 
गौरतलब है कि इससे पहले इस पंगूड़े में करीब 39 बच्चे आ चुके हैं, जिस का डॉक्टरी मुआयना करा कर  पालन  पोषन के लिए उसे स्वामी गंगा नंद भूरी वाले इंटरनैशनल धाम गांव तलवंडी खुर्द लुधियाना भेजा जाता है, वहां इन बच्चों को  जिला प्रशासन की ओर से जरूरतमंद दंपत्तियों को 
सौंप दिया जाता है. अमृतसर के डी.सी. रजत अग्रवाल की पत्नी रितु अग्रवाल ने पंगूड़ा स्कीम बारे जानकारी देते हुए बताया, कि जिला प्रशासन ने यह पंगूड़ा स्कीम शुरू की थी, जिस में आज तक इस पंगूड़े में 40 बच्चे पहुंच चुके हैं और इस स्कीम के तहत आने वाले बच्चों का पहले डॉक्टरी मुआयना कराया  कर  पालन  पोषन के लिए स्वामी गंगा नंद भूरी वाले इंटरनैशनल धाम गांव तलवंडी खुर्द लुधियाना भेज दिया जाता है.उन्होंने बताया, कि भ्रूण हत्या करने वालो को लड़का-लड़की में भेद-भाव नही करना चाहिए. दोनों को सामान समझना चाहिए और दोनों को ही जीने का बराबर अधिकार होता है और भ्रूण हत्या रोकने के लिए यह पंगुडा स्कीम चालू की गयी  है.

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